भाजपा ने मंगलौर उपचुनाव में काजी निजामुद्दीन के समर्थक एहसान को पुलिस चौकी बंद करवाया
मंगलौर पुलिस चौकी में एक पूर्व सभासद जो 2001 में किसी आपराधिक मामले में नामित हुए थे, जिसमें वह बरी भी हो गये हैं उनको पुलिस पड़कर थाने में लाई क्योंकि उनकी गतिविधियां सत्तारूढ़ दल के खिलाफ थी। कांग्रेस प्रत्याशी श्री काजी निजामुद्दीन चौकी में पहुंचे अनुरोध किया, अनुरोध न माने जाने पर धरने पर बैठे और हम सब लोग मैं, श्री Yashpal Arya जी, श्री Pritam Singh जी और हमारे विधायकगण श्री फुरकान अहमद जी, श्रीमती ममता राकेश जी, श्री मदन सिंह बिष्ट जी, श्री आदेश चौहान जी, पूर्व विधायक श्री रंजीत रावत, जिला कांग्रेस कमेटी हरिद्वार के अध्यक्ष श्री राजीव चौधरी और कांग्रेस के बड़ी संख्या में नेतागण व कार्यकर्ता साथी भी पुलिस चौकी में पहुंचे और हम सबने भी आग्रह किया कि चुनाव शांतिपूर्ण हो, बिना किसी पुलिस खौफ के हो, उसके हित में जिनको आप उठा करके लाए हैं उन्हें छोड़ दीजिए और भविष्य में ऐसा न करिए। हमने चुनाव आयोग से भी निष्पक्षता की मांग करते हुए संविधान की पुस्तक हाथ में लेकर उनको उनके कर्तव्य की याद दिलाई। CO मंगलौर भी वहां पहुंचे उससे पहले हमने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार से बातचीत की। हमको आश्वासन दिया गया कि हम इनको छोड़ रहे हैं, उन्हें छोड़ भी दिया गया। हम वहां से उठकर के आ गए।
अब यह कहना कि जिसे छुड़ाने गए थे उसके बारे में सुनकर हम खिसक गए, शांत हो गये या उठ कर चले गए, यह कहना अपमान जनक है और मैं समझता हूं यह सही कथन नहीं है। हमारे किसी भी कार्यकर्ता को इस तरीके से अवरुद्ध किया जाएगा। हां, यदि पुलिस जिनके ऊपर आपराधिक मुकदमे हैं उन सबको कोतवाली में बुलाकर शांति और सुचारू चुनाव के लिए बंद करना चाहती है तो हमें आपत्ति नहीं है और उसमें उनको शायद पहला ऐसा व्यक्ति भाजपा जिसके नाम पर चुनाव लड़ रही है वही व्यक्ति होंगे, फिर उनके वह सारे सपोर्टर्स जो शस्त्र लेकर और लंबी-लंबी हिस्ट्री सीटर के साथ मंगलौर में उपस्थित हैं उनको बंद करना पड़ेगा और भी लंबी फेहरिस्त है, भाजपा के जिन लोगों पर आपराधिक मुकदमे हैं या हुये हैं, उनको भी कोतवाली में बुलाकर के निषिद्ध किया जाना चाहिए। यह केवल कांग्रेस से जुड़े व्यक्तियों को लक्ष्य बनाकर थाने में बुलाया जाएगा, धमकाया जाएगा तो मुझे यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है। मैंने इसीलिए आज देहरादून वापस जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं। उत्तराखंड को लठ्ठ और बंदूकों के बल से बिना प्रतिरोध के नहीं कबजाने देंगे।