राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजतोत्सव (25 वर्ष पूरे होने) के अवसर पर विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया। उन्होंने राज्य की प्रगति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। मानव विकास सूचकांक में सुधार, साक्षरता दर में वृद्धि, महिलाओं की शिक्षा का विस्तार और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी जैसे क्षेत्रों में सराहनीय प्रगति हुई है।
राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण की विशेष तारीफ की और सुशीला बलूनी, बछेंद्री पाल, गौरा देवी, राधा भट्ट तथा वंदना कटारिया जैसी महिलाओं की परंपरा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने उत्तराखंड की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण की नियुक्ति को गौरवशाली बताया और विधानसभा में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की अपील की।
समान नागरिक संहिता और शौर्य परंपरा पर जोर: राष्ट्रपति ने उत्तराखंड द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक लागू करने की सराहना की, जो संविधान के अनुच्छेद 44 की भावना के अनुरूप है। कुमाऊं और गढ़वाल रेजीमेंट की शौर्य परंपरा को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के युवा सेना में देशसेवा के प्रति उत्साही हैं। विधानसभा द्वारा पारित 550 से अधिक विधेयकों, जैसे लोकायुक्त, जमींदारी विनाश और नकल विरोधी कानूनों से पारदर्शिता व सामाजिक न्याय मजबूत हुआ है।
संसदीय प्रणाली की चुनौती
राष्ट्रपति ने बाबासाहब अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि जनता के प्रति निरंतर उत्तरदायित्व संसदीय प्रणाली की शक्ति और चुनौती दोनों है। अपने 9 वर्षों के विधायक अनुभव का जिक्र कर उन्होंने विधायकों से सेवा भाव से जनसमस्याओं के समाधान की अपील की। उन्होंने राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन के शुभारंभ की प्रशंसा की, जिससे पेपरलेस कार्यप्रणाली को बढ़ावा मिला है।
राज्यपाल, सीएम और स्पीकर के संबोधन
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने 25 वर्षों को स्वर्णिम दौर बताया और ‘समृद्ध गांव, सशक्त युवा, सशक्त नारी, सुरक्षित पर्यावरण’ का मंत्र दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति को संघर्ष और समर्पण का प्रतीक बताया तथा राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण, ई-विधान और महिला आरक्षण विधेयक जैसी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने राज्य की प्राकृतिक संपदा और चिपको आंदोलन की सराहना की।
राष्ट्रपति ने अंत में प्रकृति संरक्षण के साथ विकास पर जोर देते हुए उत्तराखंडवासियों को शुभकामनाएं दी। सत्र में आगामी 25 वर्षों के लिए नया विकास रोडमैप तैयार करने पर चर्चा होगी। उत्तराखंड 9 नवंबर को स्थापना के 25 वर्ष पूरे करेगा।